दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, भारत में सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। 2023 में, दिवाली 12 नवंबर को है, जो अपने साथ खुशी, रोशनी और एकजुटता की भावना लेकर आती है। यह पारिवारिक समारोहों, स्वादिष्ट दावतों और देवताओं, विशेषकर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा का समय है। इस शुभ अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, यहां दीवाली 2023 के बारे में वह सब कुछ है जो आपको जानना आवश्यक है, जिसमें तिथि, पूजा, शुभ मुहूर्त (शुभ समय) और बहुत कुछ शामिल है।
दिवाली तिथि 2023:
दिवाली 12 नवंबर, 2023 को है। यह दिन अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त:
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ समय शाम 05:19 बजे से शाम 07:19 बजे तक है.
दिवाली का महत्व:
हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिवाली कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मनाई जाती है।
यह रावण को परास्त करने के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाता है, उनके स्वागत के लिए पूरे शहर को रोशनी से सजाया गया था।
इसके अतिरिक्त, दिवाली समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी के प्रकट होने का प्रतीक है, जिससे इस दिन उनकी पूजा करने की परंपरा बन गई है।
दिवाली पूजा विधि:
उचित दिवाली पूजा आयोजित करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
- अपने घर को साफ करें, सुनिश्चित करें कि यह बेदाग और स्वागतयोग्य हो।
- मंदिर या पूजा क्षेत्र को दीयों और जीवंत फूलों से सजाएं।
- भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
- पूजा के दौरान फूल और अक्षत (कच्चे चावल) चढ़ाएं।
- मूर्तियों पर रोली और चंदन का तिलक लगाएं।
- देवी-देवताओं को ताजे फूलों की माला भेंट करें।
- प्रसाद के रूप में सफेद मिठाई चढ़ाएं।
- घी का दीपक जलाएं, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
- आरती करके और भक्ति गीत गाकर पूजा का समापन करें।
दिवाली 2023: पूजा के लिए मंत्र:
भगवान गणेश के लिए:
निम्नलिखित मंत्र से भगवान गणेश का आह्वान करके अपनी पूजा शुरू करें:
“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।”
ज्ञान प्राप्त करने और अपने जीवन से बाधाओं को दूर करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
“ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात्।”
देवी लक्ष्मी के लिए:
देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कमल की माला से निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद,”
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः।”
दिवाली चिंतन, नवीनीकरण और समृद्धि के उत्सव का समय है। इन अनुष्ठानों और मंत्रों का पालन करके, आप इस शुभ अवसर का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं और अपने जीवन में धन, ज्ञान और खुशियाँ ला सकते हैं। मैं आपको आनंदमय और समृद्ध दिवाली की शुभकामनाएं देता हूं!